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आज सलामत तो हूँ तेरे गर्भ में मगर माँ ………..

Meri udaan mera aasman
Meri udaan mera aasman
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माँ – माँ- ओ माँ , सुनो तो
ओ मेरी प्यारी माँ एक बार तो सुनो
देखो मैं हूँ, मैं तुम्हारी बेटी , कहाँ ढूंड रही हो माँ मुझे
मैं तो यहाँ हूँ ……
इधर…..हाँ माँ मैं …..मैं तुम्हारी वही बेटी जिसके इस दुनिया में आने से पहले ही तुमने उसका नाम रख दिया है ख़ुशी …..
सुन रही हो न माँ ……..?????
आज फिर कुछ अजीब सा महसूस कर रही हूँ , लगता है जैसे कुछ गलत होने वाला है ….
आज फिर दिल कुछ घबरा सा रहा है , न जाने आज फिर वही डर सता रहा है, बिलकुल वैसा ही जैसे उस दिन …….
जैसे उस दिन डर गयी थी आज भी बिलकुल वैसे ही एक डर दिल में बैठ सा गया है

उस दिन ………..!!!!!
वो दिन याद हैं न माँ तुमको ????
हा मगर भूल भी कैसे सकती हो तुम वो दिन …..जब तुम्हारी बेटी ..
जब तुम्हारी बेटी को तुम्हारे ही अपने मार देना चाहते थे इस दुनिया में आने से पहले ही

तब सिर्फ एक तुम ही तो थी माँ जिसने मेरा साथ दिया था …
तुम न सुनती अगर बात मेरी माँ तो आज मैं यूँ अपने दुनिया में आने का इंतज़ार न कर पा रही होती माँ ………..लेकिन …………..????
लेकिन आज कुछ अच्छा नही लग रहा माँ ……………!!! माँ ……….माँ ………… तुम सुन रही हो न माँ .??????????????
क्या हुआ माँ तुम चुप क्यों हो गयी ….???? क्या सोचने लगी हो माँ …..??????????
ओह !!!!!!!! माँ ………आज फिर से तुम्हारी आँखों में आंसू आ गये ……………
मत रोओ माँ ………………मेरी ही गलती है ……मैंने ही सब फिर से याद दिला दिया तुमको ……….
मगर आज कुछ अच्छा नही लग रहा माँ …………
मन बहुत भारी हो रहा है ……..सोचती हूँ आज सब कह दू तुमसे ….शायद कल मौका न मिले ……….

1

माँ ———– मैं तुम्हारी वही बेटी
वही अजन्मी बेटी ………….
जिसने एक दिन तुमसे कहा था
कि माँ ……………..
मुझे जीने दो ………..
मत मारो मुझे दुनिया में आने से पहले ही
मुझे भी इस दुनिया में आने दो
माँ ————-मुझे जन्म लेने दो …..
मगर आज ………..
आज कुछ अजीब सी हलचल
हो रही है दिल में ……
माँ ———-लग रहा है जैसे
मेरी जिन्दगी फिर से
महफूज नही है ……..
आज सलामत तो हूँ
तेरे गर्भ में मगर
ये दुनिया महफूज सी लगती नही है
एक सवाल कल से …………..!!!!!!
माँ —–एक सवाल कल से
बार बार आ जाता है
मेरे इस नन्हे से दिल में …….
कहीं तुमने ………..!!!!!
कही तुमने गलती तो नही की माँ …..
मुझे बचा कर ……………???????
पापा से, दादी से ……..
मेरी जिन्दगी के लिए झगड़कर ..??????
सोच रही हो तुम भी कि
मैं ये क्या कह रही हूँ
मगर समझ जाओगी माँ
कि मैं ये क्यों कह रही हूँ ………..
कल जब तुम …….
देख रही थी टी वी में वो खबर
जिसमे बताया जा रहा था
कि ,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,
कि कैसे महज चार या पांच साल की
मासूम सी बच्चियों को ………..!!!
वो जो कुछ समझती भी नही थी
बेखबर थी
दुनिया के सभ्य लोगो की
दूषित मानसिकता से ……….
उन्हें ……………..!!!
तुम्हारी बेचैनी को भांप लिया था मैंने माँ
जो सवाल उस समय तुम्हारे मन में
हजारो सवालो को जन्म दे रहा था
वही आज ……………
आज मुझे परेशान कर रहा है माँ ………
क्या मेरा इस दुनिया में आना
ठीक होगा ………….????????????
जिस बेटी का नाम तुमने ख़ुशी रखा है
कही वो तुम्हारे दुखो का कारण न बन जाये माँ ..???????
और फिर पापा दादी सब
तुम्हे ही तो दोष देंगे ………….
क्योंकि तुमने ही तो चाहा था
एक प्यारी सी, मासूम सी बेटी की माँ बनना ………!!
मैं कैसे ……….??????????
कैसे जी पाऊँगी माँ ….
तुम्हे इतना दुःख देकर…
डर लगता है माँ कही
मेरे दुनिया में आने से
तुम्हे , पापा को ख़ुशी की जगह
अपमान और दर्द न सहना पड़े ……..
ये दर्द ……..जो आज होगा
मैं सह लुंगी माँ
मगर वो दर्द कैसे
सह पाऊँगी …………..???????
तब मैं माँ जीते जी मर जाउंगी …………
इससे तो अच्छा है कि तुम मुझे
हाँ माँ …………..तुम मुझे ………..
मुझे ……….इस अधर्मी , पापी , झूठी,
बिना संवेदनाओ की दुनिया में …..
आने से पहले ही ……………!!!!

ये दर्द उस दर्द से कही बेहतर होगा माँ ………….मेरे लिए भी आपके लिए भी ! आंसू न बहाओ माँ ……….मेरी प्यारी माँ ……….!!!

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