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इंसानों की दुनिया में पत्थर की तलाश ….

Meri udaan mera aasman
Meri udaan mera aasman
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आखरी ख्वाहिश है ये मेरी
आखरी लफ्ज हैं
निकाल दे दिल से भी ऐसे ही
जैसे जिन्दगी से निकाला है मुझको तूने
अब बचा ही कहाँ है कुछ तेरे मेरे दरमियाँ
हाँ एक रिश्ता अब भी है ….
खोखला सा ……

जो न तुझको गवारा है निभाना
और न मुझसे ही निभाया जायेगा
न कर फ़िक्र मेरी अब तू
मेरा सफ़र इतना ही था
शायद किस्मत में अपनी
मिलकर बिछड़ना ही था …..

एक टीस सी उठती है दिल में
जब याद वो लम्हा आता है
जब तूने मेरे दिल में रहते हुए भी
मुझे पत्थर दिल कहा था ……..

हाँ ठीक है ……जो भी हुआ अच्छा हुआ ……
जो भी कहा तुमने —- सही कहा ……
पत्थर तो आखिर पत्थर ही होते हैं …

चलो अब चलते हैं …………..
तुम इंसानों की इस दुनिया में
अपने जैसे किसी पत्थर को तलाशने ……!!!!!

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