सड़क पर पड़ी खाली बोतल लोग आते- जाते ठोकर मार जाते हैं ….. और इस तरह यहाँ से वहाँ भटकती …. न जाने कहाँ से कहाँ पहुँच जाती है ये खाली बोतल जो कभी पानी से भरी होती थी …… मगर आज खाली है कल तक जो अपने जरूरतमंद के पास होती थी आज वो सड़क पर पड़ी है ….. लावारिशो की तरह …… बिलकुल ऐसी ही तो ……….. हाँ बिलकुल ऐसी ही तो होती है हम इंसानों की जिन्दगी भी एक सफल होकर असफल हुए इंसान की जिन्दगी …… इंसान जब सफल होता है तो अपने चाहने वालो, जरुरतमंदो, अपनों ……… सबके लिए अजीज होता है …. सभी हर समय उसे अपने पास रखना चाहते हैं ….. लेकिन जैसे ही वही इंसान असफलता के घेरे में आता है भुला दिया जाता है …. लोग दूर-दूर , बहुत दूर होने लगते हैं …. अपने भी पराये करने लगते हैं और एक दिन उसे भी छोड़ दिया जाता है अकेले…. सडको पर भटकने के लिए अंधेरो में खोने के लिए बिलकुल पानी की बोतल की तरह ……. जब तक पानी से भरी होती है साथ रखी जाती है … जब खाली हो जाती है तो फेंक दी जाती है किसी सड़क पर या कूड़े के ढेर में या फिर अगर किस्मत अच्छी है बोतल की तो स्टोर रूम में रख दी जाती है …… शायद कभी भूले- भटके किसी काम आ जाये ………..!!!!
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